Thursday, March 27, 2008

सेक्स संबंधी मिथक

मिथक 1- यदि लड़की का योनिच्छद (hymen) टूटा है तो वह कुंवारी नहीं है या यदि सेक्स के दौरान योनि से रक्तस्त्राव नहीं होता तो वह कुंवारी नहीं है.

सच्चाईः किसी महिला के कौमार्य का पैमाना यह मिथक काफी पुरातन काल से चला आ रहा है. यदि सेक्स के दौरान उपर दिये दोनों मिथकों में एक भी पाया जाता है तो यह माना जाता है कि वह महिला अपना कौमार्य खो चुकी है. जबकि यह गलत है . वास्तव में योनिच्छद चमड़ी की काफी पतली परत (झिल्ली) होती है जो आंशिक रूप से योनि को ढंके रहती है. जिसका मुख्य उद्देश्य योनि को वैक्टीरिया और हानिकारक रोगाणुओं से बचाना होता है. यह झिल्ली काफी संवेदनशील होती है और आसानी से हल्के से धक्के में भी फट जाती है. कुछ लड़कियों के तो जन्म से ही योनिच्छद नहीं होता है तो कई बार खेलने के दौरान , घुड़सवारी व साइकिल की सवारी के दौरान भी लड़कियों की योनिच्छद क्षतिग्रस्त हो जाती है. ज्यादातर एथलीट खेल के दौरान अपनी योनिच्छद तोड़ चुकी होती है. वहीं कई बार टैम्पून लेने पर भी योनिच्छद टूट सकता है तो हस्तमैथुन के दौरान भी योनिच्छद टूट जाता है. इसलिये यह कहना गलत है कि योनिच्छद टूटा है या क्षतिग्रस्त है तो लड़की अपना कौमार्य खो चुकी है.वहीं दूसरी ओर यदि सेक्स के दौरान योनिच्छद टूटता है तो कुछ रक्तस्त्राव होता है , क्योंकि झिल्ली के उत्तकों में रक्तवाहिनियां होती है. लेकिन यह वैज्ञानिकों ने भी सिद्ध कर दिया है कि कई बार कुछ महिलाओं का योनिच्छद टूटने के बाद भी रक्त स्त्राव नहीं होता वहीं पहले बताई जा चुके कारणों से यदि सेक्स के पूर्व झिल्ली फट या टूट चुकी है तो भी रक्त स्त्राव नहीं होगा. वहीं कुछ महिलाओं को शुरुआती दौर के सेक्स में कई बार रक्तस्त्राव होता है. इस आधार यह नहीं माना जा सकता कि यदि सेक्स के दौरान रक्त स्त्राव नहीं होता तो वह कौमार्य खो चुकी महिला है.

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